अक्सर हमारे अतिउत्साहित मित्र ....अखण्ड़ एवं वृहत हिंदुस्तान
का सपना देखते हैं .... और सही मायनों में उन्हें
देखना भी चाहिए .... क्योंकि, भारत माँ का सपूत
वही है...... जो अपनी माँ को टुकड़ों में
बंटा हुआ ना देख सके.
लेकिन.... . अगर मे सही हूँ तो.... अखण्ड़ एवं
भारत का सही अर्थ हुआ...... भारत, अफगानिस्तान,
पाकिस्तान और बांग्लादेश का महासंघ...!
इन चारों देशों का महासंघ बनेगा या नही........ ये तो
खैर, बाद का विषय है .....!
लेकिन..... क्या कभी आपने सोचा है कि.... अगर
हमने अथक प्रयास कर... इन चारों देशों का महासंघ बना
भी लिया तो.... इसका आज की
तारीख में उसका स्वरुप कैसा होगा....?????
मैं इस सन्दर्भ में कुछ आंकड़ें देना चाहती हूँ ... ताकि, हम
हिन्दुओं की उदासीनता का परिणाम
ठीक से समझ आ सके .....!
अभी ... हमारे हिंदुस्तान की जनसँख्या
लगभग 100 करोड़ है..... जिसमे से लगभग 20 करोड़ मुस्लिम हैं....!
अब उस महासंघ की कल्पना करें .. जिसमे ......20
करोड़ मुसलमान भारत के, 14 करोड़ पाकिस्तान के, 13 करोड़
मुसलमान बांग्लादेश के.. और, 3.5 करोड़ मुस्लिम अफगानिस्तान के
होंगे ..... कुल मिलाकर 55-60 करोड़ और इस अखंड़ भारत
की सम्मिलित आबादी होगी
150 करोड़....!
अर्थात .... हमारे स्वप्निल अखंड एवं वृहत हिंदुस्तान
की कुल आबादी में से ..... मुसलमान होते
60 करोड़ अर्थात लगभग 40 प्रतिशत (100 में 40)
2 करोड़ ईसाई और 88 करोड़ हिन्दु.....
इस तरह चुनाव में........ 60 करोड़ मुसलमानों का मुकाबला 88
करोड़ हिन्दुओं से होगा ........ और, मुसलमान तो हर हालत में
एक होते .. जबकि , हिन्दुओं का वोट .... उस समय
भी हर हालत में जाति के नाम पर बंटेगा ....
इस तरह .....तो, अगर अखण्ड़ एवं भारत बनेगा ..... तो, उस
बृहत् एवं अखंड देश में मुसलमानों का राज होता......
अब बहुत से बुद्धिजीवी लोग कह सकते
हैं कि....... अगर सारे मुसलमान एक हो जाते..... तो , हिन्दु
भी एक हो जाते...... तब, भला 60 करोड़ मुसलमान
88 करोड़ हिन्दुओं से कैसे जीतते.....????
उनको जवाब है कि ..... इतिहास में एक हजार साल तक लात-जूता
खाने के बाद भी ....... आज तक हम हिन्दु
मुसलमानों के विरुद्ध एक न होकर आपस में ही एक
दूसरे को नीचा दिखाते रहे हैं .....तो, आज
तस्वीर कैसे बदल सकती
थी.....?????
अब आते हैं मेन मुद्दे पर ''हमारा संकल्प अखण्ड़ भारत'' पर.
मान लीजिए कि हमारा संकल्प अखण्ड़ भारत पूरा हो
जाता है..... तब क्या होगा...?????
तब क्या मुसलमानों को भगा दिया जायेगा.....?????
और, अगर भगा भी दिया जायेगा...... तो, कहाँ भगा दिया
जायेगा ..???
और , अगर नही भगाया गया तो .......इतिहास गवाह
है कि मुसलमानों ने जहाँ पैर जमाया है .....काफ़िरों का सफ़ाया करना
ही इनका मुख्य उद्देश्य रहा है....
तथा ... जब, जब हिन्दुस्तान की सत्ता इनके हाथों मे
आयी है ....... तो ये , निर्दोष और निहत्थे हिन्दुओं
पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े हैं.... और हिन्दुओं
को इन्होने बुरी तरह मारा-काटा और लूटा..... तथा,
उनकी बहन बेटियों को अपमानित किया है .....
इतिहास की तो बात जाने ही दें ..... क्योंकि,
आज भी देखिये कि....जहाँ मुठ्ठी भर
मुसलमान इकठ्ठे हो जाये तो... ये कैसे दहशतगर्दी
फैलाते हैं ....
और ....तब की सोचिये जब महासंघ के सारे मुसलमान
इकठ्ठे हो जाये.....?????????????
इसीलिए मित्रो ..... महासंघ का सपना देखना उचित और
हमारा धर्म है .... लेकिन, उस से पहले हमें एकजुट होना
होगा.... और, इतना मजबूत होना कि .....
मुस्लिम तो मुस्लिम .... उनके परवरदिगार भी..... हम
हिन्दुओं से उलझने से पहले हजार बार सोचें ....
तभी .... हमारा हिन्दू महासंघ का सपना सच हो पायेगा
.....
अन्यथा अगर... इसी तरह नपुंसकता दिखाते हुए .....
सेक्युलर बने रहे ... और दुश्मनों को भी भाई -भौजाई
बनाते रहे तो.....
याद रखें कि..... अपनी उदासीनता और
पराक्रम भुलाने के कारण... अभी तक तो.... वृहत
और अखंड हिंदुस्तान से सिर्फ खंडित हुए हैं..... कल को
हिन्दुओं का कोई नामलेवा तक नहीं बचेगा ....
इसीलिए हिन्दुओं .... जागो ... और, एकजुट होकर
अपनी शक्ति एवं सुरक्षा को अभेद्य बनाओ ....
का सपना देखते हैं .... और सही मायनों में उन्हें
देखना भी चाहिए .... क्योंकि, भारत माँ का सपूत
वही है...... जो अपनी माँ को टुकड़ों में
बंटा हुआ ना देख सके.
लेकिन.... . अगर मे सही हूँ तो.... अखण्ड़ एवं
भारत का सही अर्थ हुआ...... भारत, अफगानिस्तान,
पाकिस्तान और बांग्लादेश का महासंघ...!
इन चारों देशों का महासंघ बनेगा या नही........ ये तो
खैर, बाद का विषय है .....!
लेकिन..... क्या कभी आपने सोचा है कि.... अगर
हमने अथक प्रयास कर... इन चारों देशों का महासंघ बना
भी लिया तो.... इसका आज की
तारीख में उसका स्वरुप कैसा होगा....?????
मैं इस सन्दर्भ में कुछ आंकड़ें देना चाहती हूँ ... ताकि, हम
हिन्दुओं की उदासीनता का परिणाम
ठीक से समझ आ सके .....!
अभी ... हमारे हिंदुस्तान की जनसँख्या
लगभग 100 करोड़ है..... जिसमे से लगभग 20 करोड़ मुस्लिम हैं....!
अब उस महासंघ की कल्पना करें .. जिसमे ......20
करोड़ मुसलमान भारत के, 14 करोड़ पाकिस्तान के, 13 करोड़
मुसलमान बांग्लादेश के.. और, 3.5 करोड़ मुस्लिम अफगानिस्तान के
होंगे ..... कुल मिलाकर 55-60 करोड़ और इस अखंड़ भारत
की सम्मिलित आबादी होगी
150 करोड़....!
अर्थात .... हमारे स्वप्निल अखंड एवं वृहत हिंदुस्तान
की कुल आबादी में से ..... मुसलमान होते
60 करोड़ अर्थात लगभग 40 प्रतिशत (100 में 40)
2 करोड़ ईसाई और 88 करोड़ हिन्दु.....
इस तरह चुनाव में........ 60 करोड़ मुसलमानों का मुकाबला 88
करोड़ हिन्दुओं से होगा ........ और, मुसलमान तो हर हालत में
एक होते .. जबकि , हिन्दुओं का वोट .... उस समय
भी हर हालत में जाति के नाम पर बंटेगा ....
इस तरह .....तो, अगर अखण्ड़ एवं भारत बनेगा ..... तो, उस
बृहत् एवं अखंड देश में मुसलमानों का राज होता......
अब बहुत से बुद्धिजीवी लोग कह सकते
हैं कि....... अगर सारे मुसलमान एक हो जाते..... तो , हिन्दु
भी एक हो जाते...... तब, भला 60 करोड़ मुसलमान
88 करोड़ हिन्दुओं से कैसे जीतते.....????
उनको जवाब है कि ..... इतिहास में एक हजार साल तक लात-जूता
खाने के बाद भी ....... आज तक हम हिन्दु
मुसलमानों के विरुद्ध एक न होकर आपस में ही एक
दूसरे को नीचा दिखाते रहे हैं .....तो, आज
तस्वीर कैसे बदल सकती
थी.....?????
अब आते हैं मेन मुद्दे पर ''हमारा संकल्प अखण्ड़ भारत'' पर.
मान लीजिए कि हमारा संकल्प अखण्ड़ भारत पूरा हो
जाता है..... तब क्या होगा...?????
तब क्या मुसलमानों को भगा दिया जायेगा.....?????
और, अगर भगा भी दिया जायेगा...... तो, कहाँ भगा दिया
जायेगा ..???
और , अगर नही भगाया गया तो .......इतिहास गवाह
है कि मुसलमानों ने जहाँ पैर जमाया है .....काफ़िरों का सफ़ाया करना
ही इनका मुख्य उद्देश्य रहा है....
तथा ... जब, जब हिन्दुस्तान की सत्ता इनके हाथों मे
आयी है ....... तो ये , निर्दोष और निहत्थे हिन्दुओं
पर भूखे शेर की तरह टूट पड़े हैं.... और हिन्दुओं
को इन्होने बुरी तरह मारा-काटा और लूटा..... तथा,
उनकी बहन बेटियों को अपमानित किया है .....
इतिहास की तो बात जाने ही दें ..... क्योंकि,
आज भी देखिये कि....जहाँ मुठ्ठी भर
मुसलमान इकठ्ठे हो जाये तो... ये कैसे दहशतगर्दी
फैलाते हैं ....
और ....तब की सोचिये जब महासंघ के सारे मुसलमान
इकठ्ठे हो जाये.....?????????????
इसीलिए मित्रो ..... महासंघ का सपना देखना उचित और
हमारा धर्म है .... लेकिन, उस से पहले हमें एकजुट होना
होगा.... और, इतना मजबूत होना कि .....
मुस्लिम तो मुस्लिम .... उनके परवरदिगार भी..... हम
हिन्दुओं से उलझने से पहले हजार बार सोचें ....
तभी .... हमारा हिन्दू महासंघ का सपना सच हो पायेगा
.....
अन्यथा अगर... इसी तरह नपुंसकता दिखाते हुए .....
सेक्युलर बने रहे ... और दुश्मनों को भी भाई -भौजाई
बनाते रहे तो.....
याद रखें कि..... अपनी उदासीनता और
पराक्रम भुलाने के कारण... अभी तक तो.... वृहत
और अखंड हिंदुस्तान से सिर्फ खंडित हुए हैं..... कल को
हिन्दुओं का कोई नामलेवा तक नहीं बचेगा ....
इसीलिए हिन्दुओं .... जागो ... और, एकजुट होकर
अपनी शक्ति एवं सुरक्षा को अभेद्य बनाओ ....
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