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रविवार, सितंबर 20

कश्मीरी पण्डितों के साथ क्या हुआ था और, क्यों हुआ था??

वोट बैंक के लालच में ... अथवा उनके नाजायज बापों को बुरा ना लग
जाए.... इस बात का ध्यान रखते हुए ... इस बात को जोर-जोर से
ढोल पीटा जाता है कि...... आतंकवाद का कोई धर्म
नहीं होता है....!
लेकिन क्या कोई मनहूस सेकुलर ... अथवा , मानवाधिकार या
अल्पसंख्यक आयोग वाला .... मुझे यह समझा सकता है कि.....
अगर आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है तो.....
नैरोबी में धर्म पूछ कर लोगों को क्यों मारा गया .....
और, कश्मीर से सिर्फ हिंदों को ही क्यों
भगाया गया .....?????
हम में से सभी लोग ..."" कश्मीर भारत
का अभिन्न अंग है ""... का नारा लगते नहीं थकते हैं
.... लेकिन, दुखद है कि .... देश के 99 % से भी
ज्यादा लोगों को कश्मीर की दर्दनाक
सच्चाई का आभास तक नहीं होगा.... !
लगभग सभी लोगों ने कश्मीरी
पंडितो के बारे में सुना होगा ....और, हम सभी ने सुना
है कि.... कुछ तो हुआ था कश्मीरी पंडितो
के साथ.... लेकिन , क्या हुआ था और, क्यों हुआ था ......यह
ठीक से किसी को भी पता
नहीं है......।
आज मैं आपको बताने जा रही हूँ कि...... क्या हुआ था
कश्मीर में...... और, क्या हुआ था
कश्मीरी पंडितो के साथ.....!
यह जानकारी एक करारा तमाचा है ..... तथाकथित
सेकुलरता का राग अलापने वाले, मानवाधिकार वाले और, अल्पसंख्यकों
की बात करने वालों के मुंह पर....!
कश्मीर का नाम....... कश्यप ऋषि के नाम पर पड़ा था
और, कश्मीर के मूल निवासी सारे हिन्दू
थे..... इस तरह.... कश्मीरी पंडितो
की संस्कृति 5000 साल से भी
पुरानी है.... और, वे ही
कश्मीर के मूल निवासी हैं.....।
14वीं शताब्दी में तुर्किस्तान से आये एक
क्रूरजेहादी ( मुस्लिम आतंकवादी ) दुलुचा
ने 60,000 लोगो की सेना के साथ कश्मीर
में आक्रमण किया....... और, कश्मीर में मुस्लिम
साम्राज्य की स्थापना की....।
दुलुचा ने नगरों और गाँव को नष्ट कर दिया.... और, हजारों हिन्दुओ
का नरसंहार किया.. तथा, बहुत सारे हिन्दुओ को
जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया...।
बहुत सारे हिन्दुओ ने जो इस्लाम नहीं कबूल करना
चाहते थे..... उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर
ली ...और, बाकी के लोग भाग गए या
क़त्ल कर दिए गए या इस्लाम कबूल करवा लिए गए।
आज जो भी कश्मीरी मुस्लिम
है ....उन सभी के पूर्वजो को इन अत्याचारों के कारण
जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया था।
भारत पर मुस्लिम आक्रमण अतिक्रमण - विश्व इतिहास का सबसे
ज्यादा खुनी कहानी जानने के लिए देखें :
http://www.youtube.com/watch?v=TMY2YV9WucY
भारत के खुनी विभाजन के बारे में जानने के लिए यह
विडियो देखे:
http://www.youtube.com/watch?v=jGiTaQ60Je0

अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को देखे:
http://en.wikipedia.org/wiki/Kashmir#Muslim_rule
खैर.... देखते ही देखते ... 14 वीं से
बीसवीं सदी भी
आ गयी..... और, हमारा हिंदुस्तान मुगलों और अंग्रेजों
के हाथ से गुजरता हुआ 1947 में आजाद भी हो
गया....!
1947 में ब्रिटिश संसद के "इंडियन इंडीपेनडेंस इ
एक्ट" के अनुसार ब्रिटेन ने तय किया कि ..... मुस्लिम बहुल
क्षेत्रों को पाकिस्तान बनाया जायेगा.. जिस कारण, 150 राजाओं ने
पाकिस्तान चुना और, बाकी 450 राजाओ ने भारत....।
परन्तु....केवल एक जम्मू और कश्मीर के राजा बच
गए थे जो फैसला नहीं कर पा रहे थे कि क्या करना
है.... लेकिन, जब पाकिस्तान ने फौज भेजकर कश्मीर
पर आक्रमण किया तो कश्मीर के राजा ने
भी हिंदुस्तान में कश्मीर के विलय के लिए
दस्तख़त कर दिए।
ध्यान रखें कि....ब्रिटिशो ने यह कहा था कि ... राजा अगर एक बार
दस्तखत कर दिया तो वो बदल नहीं सकता और जनता
की आम राय पूछने की जरुरत
नहीं है..... तो इस तरह....जिन कानूनों के आधार पर
भारत और पाकिस्तान बने थे ....उन्ही नियमो के
अनुसार ...... अब कश्मीर पूरी तरह से
भारत का अंग बन गया था....।
इसलिए कोई भी कहता है कि .... कश्मीर
पर भारत ने जबरदस्ती कब्ज़ा कर रखा है .. या
कश्मीर एक विवादस्पद प्रदेश है तो......वो बिल्कुल
सफ़ेद झूठ है।
अधिक जानकारी के लिए आप यह विडियो आप देख
सकते है:
http://www.youtube.com/watch?v=gxhVDKRFh28
14 सितम्बर 1989 को बीजेपी के
राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य और जाने
माने वकील कश्मीरी पंडित
तिलक लाल तप्लू का JKLF ने क़त्ल कर दिया और, उसके बाद
जस्टिस नील कान्त गंजू को गोली मार दिया
गया।
इस तरह.... एक एक करके सारे
कश्मीरी नेताओ की हत्या कर
दी गयी... जिसके बाद बाद 300 से ज्यादा
हिन्दू महिलाओ और पुरुषो की निर्मम हत्या
की गयी...।
एक कश्मीरी पंडित नर्स जो
श्रीनगर के सौर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में काम
करती थी, का सामूहिक बलात्कार किया गया
और.. खुलेआम पीट पीट कर
उसकी हत्या कर दी गयी...।
उधर कश्मीर में .....यह खुनी खेल
चलता रहा ....और, अपने सेकुलर राज्य और केंद्र सरकार.....
मानवाधिकार आयोग, अल्पसंख्यक आयोग ....मीडिया
सभी ने अपने मुंह में दही जमा लिया ....
और, किसी के मुंह से एक बोल तक नहीं
फूटे.....!
जिस से उत्साहित होकर 4 जनवरी 1990 को......
आफताब नामक एक स्थानीय उर्दू अखबार ने.....
हिज्ब -उल -मुजाहिदीन की तरफ से एक
प्रेस विज्ञप्ति जारी की.... जिसमे स्पष्ट
रूप से कहा गया कि.... सभी हिन्दू अपना सामन पैक
करें और कश्मीर छोड़ कर चले जाएँ...।
इसके बाद .....एक अन्य स्थानीय समाचार पत्र..
अल सफा ने ...... हिन्दुओं के इस निष्कासन आदेश को दोहराया...
साथ ही , मस्जिदों में भारत और हिन्दू
विरोधी भाषण दिए जाने लगे...और, सभी
कश्मीरी हिन्दू/मुस्लिमो को कहा गया कि
... वे इस्लामिक ड्रेस कोड अपनाये...।
शरियत के नियमानुसार .....कश्मीर में ... सिनेमा और
विडियो पार्लर वगैरह बंद कर दिए गए ....तथा, लोगो को मजबूर किया
गया कि ... वो अपनी घड़ी पाकिस्तान के
समय के अनुसार करे

उधर कश्मीर में मुल्लों का आतंक जारी
था...... और, इधर तथाकथित सेकुलर मीडिया....
फ़िल्मी भांडों के नाच-गाने और चित्रहार दिखाने में
व्यस्त थी.....!
परिणाम यह हुआ कि......19 जनवरी 1990 को
.....सारे कश्मीरी पंडितो के घर के दरवाजो
पर नोट लगा दिया ....जिसमे लिखा था ....."या तो मुस्लिम बन जाओ
या कश्मीर छोड़ कर भाग जाओ या फिर मरने के लिए
तैयार हो जाओ"....।
यहाँ तक कि.....पाकिस्तान की तत्कालीन
प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने
भी टीवी पर
कश्मीरी मुस्लिमो को भारत से
आजादी के लिए भड़काना शुरू कर दिया....।
सिर्फ इतना ही नहीं .. बल्कि, सारे
कश्मीर के मस्जिदों में एक टेप चलाया गया, जिसमे
मुस्लिमो को कहा गया कि ... वो हिन्दुओ को कश्मीर से
निकाल बाहर करें...।
उसके बाद तो सारे कश्मीरी मुस्लिम
....सडको पर उतर आये... और, उन्होंने
कश्मीरी पंडितो के घरो को जला दिया.....
कश्मीर पंडित महिलाओ का बलात्कार करके..... फिर
उनकी हत्या करके उनके नग्न शरीर को
पेड़ पर लटका दिया गया....।
कुछ महिलाओ को जिन्दा जला दिया गया ..और, बाकियों को लोहे के
गरम सलाखों से मार दिया गया....।
बच्चो तक को स्टील के तार से गला घोटकर मार दिया
गया.....।
हालत ऐसे बन गए कि...... अपनी इज्जत बचने के
लिए ..... कश्मीरी हिन्दू महिलाये ऊंचे
मकानों की छतो से कूद कूद कर जान देने
लगी....।
और ....कश्मीरी मुस्लिम.......
कश्मीरी हिन्दुओ के हत्या करते चले
गए..... और, नारा लगाते चले गए कि ... उन पर अत्याचार हुआ है
...और, उनको भारत से आजादी चाहिए...।
अंततः..... अपने को असहाय पाकर ....3,50,000
कश्मीरी पंडित अपनी जान
बचा कर कश्मीर से भाग गए.....।
कश्मीरी पंडित जो कश्मीर के
मूल निवासी है..... उन्हें कश्मीर छोड़ना
पड़ा... और, तब कश्मीरी मुस्लिम कहते
है कि .... उन्हें आजादी चाहिए..।
आश्चर्य है कि....कश्मीर में यह सब कुछ
खुलेआम चलता रहा... लेकिन, सेकुलर मीडिया चुप
रही... और, उन्होंने देश के लोगो तक यह बात
कभी नहीं पहुंचाई ....इसलिए, देश के
लोगो को आज तक नहीं पता चल पाया कि .... क्या
हुआ था कश्मीर में...?????
इस मामले में .....देश- विदेश के लेखक चुप रहे.... भारत का
संसद चुप रहा..... देश के सारे हिन्दू...... मुस्लिम....
सेकुलर....... मानवाधिकार वाले...... हर कोई चुप रहे.. और,
किसी ने भी 3,50,000
कश्मीरी पंडितो के बारे में कुछ
नहीं कहा।
यहाँ तक कि.....आज भी अपने देश के
मीडिया 2002 के दंगो के रिपोर्टिंग में व्यस्त है और, वो
कहते है कि .... गुजरात में मुस्लिम विरोधी दंगे हुए
थे... लेकिन, यह कभी नहीं बताते
की 750 मुस्लिमों के साथ साथ 250 हिन्दू
भी मरे थे ...और, यह भी
कभी नहीं बताते की दंगो
की शुरुआत मुस्लिमो ने की
थी, जब उन्होंने 59 हिन्दुओं को ट्रेन में गोधरा में
जिन्दा जला दिया था।
हिन्दुओं पर अत्याचार के बात की रिपोर्टिंग से कहते है
कि ....अशांति फैलेगी...... लेकिन, मुस्लिमो पर हुए
अत्याचार की रिपोर्टिंग से शायद अशांति नहीं
फैलती...।
इसे कहते है सेकुलर (धर्मनिरपेक्ष) पत्रकारिता।
http://kashmiris-in-exile.blogspot.com/2009/01/19-years-to-19th-day-of-1990-exodus-of.html
हालत यह है कि .....आज 4.5 लाख
कश्मीरी पंडित अपने देश में
ही रिफ्यूजी की तरह रह
रहे है.. और, पूरे देश या विदेश में कोई भी
नहीं है उनको देखने वाला...।
कोई भी मीडिया नहीं है जो
उनके बारे में हुए अत्याचार को बताये।
कोई भी सरकार या पार्टी या संस्था
नहीं है ...जो कि विस्थापित कश्मीरियों को
उनके पूर्वजों के भूमि में वापस ले जाने को तैयार है....।
कोई भी नहीं इस इस दुनिया में....... जो
कश्मीरी पंडितो के लिए "न्याय"
की मांग करे...।
जो कश्मीरी पंडित काफी पढ़े
लिखे लोगो के तरह जाने जाते थे..... आज वो भिखारियों के तरह
पिछले 22 सालो से टेंट में रह रहे है.... और, उन्हें मूलभूत
सुविधाए तक नहीं मिल पा रही है.. तथा ,
वहां पीने के लिए पानी तक की
समस्या है...।
दोगलेपन का आलम तो ये है कि.....भारतीय और विश्व
की मीडिया..... मानवाधिकार संस्थाए गुजरात
दंगो में मरे 750 मुस्लिमो (310 मारे गए हिन्दुओ को भूलकर)
की बात करते है.... लेकिन, यहाँ तो
कश्मीरी पंडितो की बात करने
वाला कोई नहीं है.... क्योकि वो हिन्दू है....।
यह जानकार आपका खून खौल उठेगा कि.....20,000
कश्मीरी हिन्दू ... तो बस धुप
की गर्मी के कारण मर गए .....क्योकि ,
वो कश्मीर के ठन्डे मौसम में रहने के
आदी थे।

हरामीपन की भी
सीमा को पार करते हुए..... आज देश के लोगो को
कश्मीरी पंडितो के मानवाधिकारों के बारे में
भारतीय मीडिया नहीं
बताती है ....लेकिन , आंतकवादियों के मानवाधिकारों के
बारे में जरुर बताती है...।
आज सभी को यह बताया जा रहा था है कि.... ASFA
नाम का किसी कानून का भारतीय सेना
काफी ज्यादा दुरूपयोग किया है.....।
आप खुद ही सोचें कि....कश्मीर में
अलगावादी संगठन मासूम लोगो की हत्या
करवाते है.... और , जब भारतीय सेना के जवान जब
उन आतंकियों के खिलाफ कोई करवाई करते है तो यह
अलगावादी नेता अपने बिकी हुए
मीडिया के सहायता से चीखना चिल्लाना शुरू
कर देते है कि ..... देखो हमारे ऊपर कितना अत्याचार हो रहा
है....????
बात सिर्फ यहीं तक नहीं
रुकी है बल्कि,. अश्विन कुमार जैसे कुछ डाइरेक्टर
""इंशाल्लाह कश्मीर"" नामक पिक्चर बना रहे है
....और, यह पुरे विश्व की लोगो को यह दिखा रहे है
कि ... कश्मीर के भोले भाले मुस्लिम युवाओ पर
भारतीय सेना के जवानों ने अत्याचार किया है....।
अश्विन कुमार अपने वृत्तचित्र पूरे विश्व के पटल पर रख रहे है
और, हर तरह से देश और विदेश में लोगो को दिखा रहे है कि ...
गलती भारतीय सेना की है.....
मुस्लिमों के जिहाद का जिक्र तक इस फिल्म में नहीं
है....!

आज दोगलेपन और नाटक का हद है कि....सारे मुस्लिम कहते है
मोदी को फांसी दो... जबकि,
मोदी जी ने गुजरात की दंगो को
समय रहते रोक दिया।
लेकिन, आज तक एक भी मुस्लिम को यह कहते
नहीं सुना गया कि .... कांग्रेस के नेताओं....
गाँधी परिवार और अब्दुल्लाह परिवार को
फांसी दो..... जो लाखो कश्मीरी
पंडितो के कत्लेआम देखते रहे......।
मित्रों.....इस कहानी को अगर आप पढ़ चुके है तो
अपने बाकी मित्रो के साथ शेयर करे ताकि उन्हें
भी सत्य का ज्ञान हो.... और, अपने
कश्मीरी भाई-बहनों के लिए कुछ कर
पाएं....।
याद रखें कि.....जो कश्मीर में हुआ था....... आज
वही मुस्लिम बहुल केरल.... पश्चिम बंगाल...
हैदराबाद...... और, यूपी के कुछ भागो में हो रहा
है...।
मित्रों, हम नहीं चाहते एक और कश्मीर
बने.. और, हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे 10 -20
सालों के बाद केरलाइ हिन्दू..... या बंगाली हिन्दुओ के
बारे में वैसी ही कहानिया सुने.. जैसा हम
आज कश्मीरी हिन्दुओ के बारे में सुनते
हैं।

जागो हिन्दुओ .... और, एकजुट होकर अपने अधिकार के बारे में
लड़ना सीखो .....
नहीं तो ... कश्मीर सरीखा
सर्वनाश निश्चित है....!