मुस्लिम और उनके सरपरस्त मनहूस सेक्यूलर.... अक्सर हम हिन्दुओं को..... हमारे हिन्दू धर्म ... हमारी मान्यताओं ..... तथा, हमारे भगवान् को ... विज्ञान की वैज्ञानिकता ... एवं ...तर्क की कसौटी पर प्रमाणित करने को बोलते रहते हैं.....!
हालाँकि... हम जैसे लोग.... हमारे हिन्दू धर्म की वैज्ञानिकता को समय समय पर अपने लेखों में प्रमाणित करते ही रहते हैं..... परन्तु जैसे ही.... हम मुस्लिमों से वैज्ञानिकता की बात पूछते हैं..... वो ऐसे बिदक जाते हैं.... जैसे कि.. किसी सांढ़ को लाल कपडा दिखा दी गयी हो....!
आखिर... हमेशा दूसरों से वैज्ञानिकता का प्रमाण माँगने वाले मुस्लिम.... खुद को वैज्ञानिकता कि कसौटी पर क्यों नहीं परखना चाहते हैं.... इसका भी एक बहुत ही ठोस एवं वैज्ञानिक आधार है...!
और... इसका प्रमुख कारण यह है कि..... इस्लाम के प्रतिपादक और अल्लाह के तथाकथित दूत .... मुहम्मद.... एक अज्ञानी... एवं पेशे से लुटेरे एवं बलात्कारी व्यक्ति थे..... जिस कारण उनमे वैज्ञानिक ज्ञान का घोर अभाव था..... और, उन्होंने.... अपने कुरान में ऐसी -ऐसी उल-जलूल बातें लिख रखी है.... जिसका वैज्ञानिकता एवं सच्चाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है....!
अगर.... कुरान में लिखी बातों को वैज्ञानिकता के आधार पर परखा जाए तो...... आपको तनिक भी ख़ुशी महसूस नहीं होगी..... और, आपको आश्चर्य होगा कि.... आखिर किस आधार पर अल्लाह या रसूल मुहम्मद को सर्वज्ञानी माना जाए...
आएं .... .... आप भी कुरान का थोडा अध्धयन कर ... अपने सामान्य ज्ञान में थोडा वृद्धि करें .... और, उसमे वैज्ञानिकता ढूँढने का प्रयास करें.....
1) - कुरान कहता है कि.... सूर्यास्त नहीं होता है ... बल्कि, शाम के समय सूरज दलदल में ड़ूब जाता है.
"यहाँ तक कि वह सूर्यास्त की जगह पहुँच गया, उसने देखा कि सूरज एक काले कीचड़ (muddy spring ) में ड़ूब रहा था........... सूरा .अल कहफ़ 18 :८६
2) - अल्लाह ने प्रथ्वी को ठहरा रखा है.
"वह कौन है ,जिसने प्रथ्वी को एक स्थान पर ठहरा दिया है. (made the earth fixed )........... सूरा - अन नमल 27 :६१
3) - धरती पालना की तरह झूलती रहती है.
"वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को पालना बनाया (restling झूला)........... सूरा - अज जुखुरुफ़ 43 :१०
4) - धरती फैलायी जा सकती है.
"और धरती को जैसा चाहा फैलाया (spread the earth ) .................सूर -अस शम्श 91 :६
नोट: शायद .. जब इस धरती पर मुस्लिमों की जनसँख्या ज्यादा हो जाएगी तो.... अल्लाह उनके लिए धरती को फैला कर दुगुना.तिगुना कर देंगे.... जिससे मुस्लिम इस धरती पर आराम से रह सकें...!
5) रात और दिन लपेटे जा सकते है.
"और वह रात को दिन पर लपेटता है एवं दिन को रात पर लपेटता है......... सूरा - अज जुमुर 39 :५
6) - सूरज अल्लाह से निकलने की आज्ञा लेता है.
"सूरज रात को गंदे कीचड़ में डूबा रहता है, और अजान से पहले अल्लाह से निकलने की अनुमति लेता है........सही बुखारी - जिल्द 4 किताब 54 हदीस ४४१
@@@@ ऊपर के उदाहरण से..... यह बिलकुल ही स्पष्ट है कि.... कुरान में विज्ञान को ढूँढ़ना उसी तरह असंभव है.....जैसे, किसी गधे के सिर पर सींग ढूँढ़ना .....क्योंकि कुरान और विज्ञान परस्पर एक दूसरे के विरोधी हैं.. या फिर कहें कि... जानी दुश्मन हैं...!
यही कारण है कि.... कुरान को पढाया नहीं.... बल्कि.. बल्कि रटाया जाता है.... और, किसी को भी कुरान की वैज्ञानिकता पर प्रश्न उठाने की इजाजत नहीं है...!
साथ ही... कुरान के इन अध्धयनों से यह बात आईने की तरह बिल्कुल साफ़ है कि.... क्यों मुस्लिम ... मदरसे में पढ़ कर कोई.. डॉक्टर, इंजीनियर .. या वैज्ञानिक के बदले सिर्फ जेहादी ही बनते हैं...!
जाकिर नाईक जैसे....इस्लाम के प्रचारक .... जो हम हिन्दुओं को भगवान् गणेश की वैज्ञानिकता साबित करने का चैलेन्ज करते हैं..... उनको मेरी यह सलाह है कि.... जब.... अल्लाह को प्रकृति की इतनी सामान्य सी जानकारी भी नहीं है ... तो आप चाहे..... मस्जिद में 5 बार नमाज पढो.... 25 बार नमाज पढो.... या फिर... मस्जिद में सो ही जाओ...... आपका कोई भला होने वाला नहीं है....!
जय महाकाल...!!!
नोट: यह लेख किसी की धार्मिक भावना को आहत करने के लिए नहीं.... बल्कि , मुस्लिमों में जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से लिखी गयी है...!
हालाँकि... हम जैसे लोग.... हमारे हिन्दू धर्म की वैज्ञानिकता को समय समय पर अपने लेखों में प्रमाणित करते ही रहते हैं..... परन्तु जैसे ही.... हम मुस्लिमों से वैज्ञानिकता की बात पूछते हैं..... वो ऐसे बिदक जाते हैं.... जैसे कि.. किसी सांढ़ को लाल कपडा दिखा दी गयी हो....!
आखिर... हमेशा दूसरों से वैज्ञानिकता का प्रमाण माँगने वाले मुस्लिम.... खुद को वैज्ञानिकता कि कसौटी पर क्यों नहीं परखना चाहते हैं.... इसका भी एक बहुत ही ठोस एवं वैज्ञानिक आधार है...!
और... इसका प्रमुख कारण यह है कि..... इस्लाम के प्रतिपादक और अल्लाह के तथाकथित दूत .... मुहम्मद.... एक अज्ञानी... एवं पेशे से लुटेरे एवं बलात्कारी व्यक्ति थे..... जिस कारण उनमे वैज्ञानिक ज्ञान का घोर अभाव था..... और, उन्होंने.... अपने कुरान में ऐसी -ऐसी उल-जलूल बातें लिख रखी है.... जिसका वैज्ञानिकता एवं सच्चाई से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है....!
अगर.... कुरान में लिखी बातों को वैज्ञानिकता के आधार पर परखा जाए तो...... आपको तनिक भी ख़ुशी महसूस नहीं होगी..... और, आपको आश्चर्य होगा कि.... आखिर किस आधार पर अल्लाह या रसूल मुहम्मद को सर्वज्ञानी माना जाए...
आएं .... .... आप भी कुरान का थोडा अध्धयन कर ... अपने सामान्य ज्ञान में थोडा वृद्धि करें .... और, उसमे वैज्ञानिकता ढूँढने का प्रयास करें.....
1) - कुरान कहता है कि.... सूर्यास्त नहीं होता है ... बल्कि, शाम के समय सूरज दलदल में ड़ूब जाता है.
"यहाँ तक कि वह सूर्यास्त की जगह पहुँच गया, उसने देखा कि सूरज एक काले कीचड़ (muddy spring ) में ड़ूब रहा था........... सूरा .अल कहफ़ 18 :८६
2) - अल्लाह ने प्रथ्वी को ठहरा रखा है.
"वह कौन है ,जिसने प्रथ्वी को एक स्थान पर ठहरा दिया है. (made the earth fixed )........... सूरा - अन नमल 27 :६१
3) - धरती पालना की तरह झूलती रहती है.
"वही है जिसने तुम्हारे लिए धरती को पालना बनाया (restling झूला)........... सूरा - अज जुखुरुफ़ 43 :१०
4) - धरती फैलायी जा सकती है.
"और धरती को जैसा चाहा फैलाया (spread the earth ) .................सूर -अस शम्श 91 :६
नोट: शायद .. जब इस धरती पर मुस्लिमों की जनसँख्या ज्यादा हो जाएगी तो.... अल्लाह उनके लिए धरती को फैला कर दुगुना.तिगुना कर देंगे.... जिससे मुस्लिम इस धरती पर आराम से रह सकें...!
5) रात और दिन लपेटे जा सकते है.
"और वह रात को दिन पर लपेटता है एवं दिन को रात पर लपेटता है......... सूरा - अज जुमुर 39 :५
6) - सूरज अल्लाह से निकलने की आज्ञा लेता है.
"सूरज रात को गंदे कीचड़ में डूबा रहता है, और अजान से पहले अल्लाह से निकलने की अनुमति लेता है........सही बुखारी - जिल्द 4 किताब 54 हदीस ४४१
@@@@ ऊपर के उदाहरण से..... यह बिलकुल ही स्पष्ट है कि.... कुरान में विज्ञान को ढूँढ़ना उसी तरह असंभव है.....जैसे, किसी गधे के सिर पर सींग ढूँढ़ना .....क्योंकि कुरान और विज्ञान परस्पर एक दूसरे के विरोधी हैं.. या फिर कहें कि... जानी दुश्मन हैं...!
यही कारण है कि.... कुरान को पढाया नहीं.... बल्कि.. बल्कि रटाया जाता है.... और, किसी को भी कुरान की वैज्ञानिकता पर प्रश्न उठाने की इजाजत नहीं है...!
साथ ही... कुरान के इन अध्धयनों से यह बात आईने की तरह बिल्कुल साफ़ है कि.... क्यों मुस्लिम ... मदरसे में पढ़ कर कोई.. डॉक्टर, इंजीनियर .. या वैज्ञानिक के बदले सिर्फ जेहादी ही बनते हैं...!
जाकिर नाईक जैसे....इस्लाम के प्रचारक .... जो हम हिन्दुओं को भगवान् गणेश की वैज्ञानिकता साबित करने का चैलेन्ज करते हैं..... उनको मेरी यह सलाह है कि.... जब.... अल्लाह को प्रकृति की इतनी सामान्य सी जानकारी भी नहीं है ... तो आप चाहे..... मस्जिद में 5 बार नमाज पढो.... 25 बार नमाज पढो.... या फिर... मस्जिद में सो ही जाओ...... आपका कोई भला होने वाला नहीं है....!
जय महाकाल...!!!
नोट: यह लेख किसी की धार्मिक भावना को आहत करने के लिए नहीं.... बल्कि , मुस्लिमों में जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से लिखी गयी है...!
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