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शनिवार, सितंबर 19

कुरान का वसीयत का नियम Quranic Inheritance Rule

मुस्लिमों द्वारा अक्सर इस बात का दावा किया जाता है कि.... अल्लाह ने इस दुनिया को बनाया है और अल्लाह सर्वज्ञानी है...!
साथ ही मुस्लिमों द्वारा यह भी जोर-शोर से प्रचारित किया जाता है कि.... क़यामत के दिन अल्लाह सभी लोगों के कर्मों का हिसाब लेगा ... और उसी हिसाब से उसे जन्नत अथवा जहन्नुम में भेजेगा....!
मुस्लिमों की ऐसी ज्ञान भरी बातें सुनकर मेरे मन में भी .... अल्लाह का हिसाब-किताब जानने और अल्लाह की किताब ""कुरान"" पढने की जिज्ञासा उत्पन्न हो गयी...!
हालाँकि... मैंने पूरा कुरान छान मारा.... लेकिन, मुझे ""खुदाई किताब कुरान"" में कहीं भी ज्ञान-विज्ञान... भूगोल ... अथवा गणित की जानकारी नहीं मिल पायी....!
फिर भी .. बहुत प्रयास करने पर मुझे .... ये जरुर देखने को मिला कि...
कुरान में जगह जगह बढ़ चढ़ कर अल्लाह की विशेषताओं का वर्णन किया गया है .....और, उन्हें सर्वविद्या संपन्न बताया गया है ....तथा, उनकी अतिश्योक्ति पूर्ण तारीफ की गयी है ..
साथ ही .... कुछ जगह पर उन्हें "जल्दी हिसाब करने वाला ( Swift Reckoner ) भी कहा गया है ..... जिसे अरबी भाषा में " ﺳﺮﻳﻊُ ﺍﻟﺤﺴﺎﺏ सरीउल हिसाब कहा जाता है...!.
कुरान में लिखा है-
"अल्लाह तेज हिसाब करने वाला है "सूरा अनआम 6 :62
"अल्लाह बहुत तेज हिसाब लेनेवाला है "सूरा -रअद 13 :41
"अल्लाह जल्दी हिसाब करता है "सूरा -इब्राहीम 14 :51
खैर..... ये तो बहुत ख़ुशी की बात है कि..... अल्लाह बहुत तेज और सही हिसाब करने वाला है....!
और.... शायद अपने इसी तेज हिसाब कर पाने के अदभुत गुणों के कारण अल्लाह ने कुरान में...... किसी मुस्लिम मृतक व्यक्ति की वसीयत (सम्पति ) को उसके वसीयतदारों के बीच में बांटने के के लिए कुछ नियम निर्धारित किये हैं ... और, बताया है कि... सम्पति में किसको कितना हिस्सा मिलना चाहिए ..!
अल्लाह के द्वारा दिए बंटवारे के इस नियम को ... कुरान का वसीयत का नियम या अंगरेजी में Quranic Inheritance Rule कहा जाता है ....!
यह वसीयत का नियम .... कुरान की सूरा निसा में कुछ इस तरह दिए गए हैं .... जिसे आप भी पढ़ें और ठीक से समझें.....
1 -कुरान के वसीयत का नियम -- सूरा -निसा 4 :11
"अल्लाह तुम्हारी औलाद के बारे में तुम्हें वसीयत करता है कि,एक पुरुष का हिस्सा दो औरतों के बराबर हो (1 )
यदि दो लड़कियाँ हों तो उनका हिस्सा माल का दो तिहाई है (2 )
और यदि अकेली हो ,तो उसके लिए आधा है (3 )
और यदि उसके औलाद हो तो ,उसके माता पिता में से हरेक के लिए छोड़े गए माल का छठवां हिस्सा है (4 )
और यदि औलाद नहीं हो ,और उसके माता पिता वारिस हों तो उसकी माता का हिस्सा तिहाई होगा (5 )
और यदि उसके भाई बहिन भी हों ,तो उनका का हिस्सा छठवां होगा (6 )
यह हिस्से अल्लाह ने निश्चित किये हैं .और अल्लाह जानने वाला और तत्वदर्शी है ".
सूर -निसा 4 :12 !!
"और तुम्हारी पत्नियों ने जो छोड़ा हो ,और औलाद नहीं हो तो ,उसमे तम्हारा हिस्सा आधा है (7 )
और यदि औलाद हो ,तो तुम्हारा हिस्सा चौथाई होगा (8 )
और यदि औलाद हो ,उनका हिस्सा आठवां होगा (9 )
और यदि किसी पुरुष स्त्री के औलाद नहीं हो ,और न माता पिता जीवित हों ,और एक भाई बहिन हों दौनों में प्रत्येक को छठवां हिस्सा होगा (10 )
यदि वे भाई बहिन अधिक हों, तो एक तिहाई में सब शामिल होंगे (11 )
और अल्लाह बड़ा जानने वाला और सहनशील है ".
2 - अब आयें.... हम जरा कुरान के अनुसार वसीयत की गणना करते हैं.... और, किसी मुल्ले की संपत्ति को बाँट कर देखते हैं....---
अब दिए गये नियमों के अनुसार मृतक द्वारा सम्पति को उसके पीछे छोड़े गए वारिसों में बांटने की गणना कर रही हूँ... ......
.इसके लिए मैं .... दो कल्पित व्यक्तियों के उदाहरण और फिर देखती हूँ कि नियमों का पालन करते हुए मृतक की सम्पति का उचित बटवारा हो सकता है या नहीं ....?????
आसानी के लिए सम्पति एक लाख (100000 /-) मान ली गयी है..... एक व्यक्ति का नाम ""बकरउद्दीन"" और , दूसरे का नाम ""फकरुद्दीन"" लिया गया है .
तो... पहली वसीयत के अनुसार.... बकरउद्दीन ने अ....पनी मौत के बाद एक लाख रूपया.... और, तीन पुत्रियाँ... माता -पिता और एक पत्नी को छोड़ गया था ...
और, अब हमें उसकी सम्पति का कुरान के नियमों के अनुसार बटवारा करना है .
1 -तीन पुत्रियों को -
यदि दो से अधिक लड़कियाँ हों तो ....उनका सम्पति में दो तिहाई हिस्सा होगा .....सूरा -निसा 4 :11
अर्थात.... एक लाख का दो तिहाई =2 /3 =66 .66 %=66 666 /-रूपया
2 -माता पिता के लिए......माता पिता का हिस्सा एक तिहाई होगा ....सूर निसा 4 :11
एक लाख का एक तिहाई =1 /3 =33 .33 %=33333 /- रूपया
3 - पत्नी का हिस्सा ..........तुम जो छोड़ जाओ और तुम्हारे औलाद हो तो......आठवां हिस्सा पत्नी का होगा होगा .......सूरा निसा 4 :12
एक लाख का आठवां हिस्सा =1 /8 =12 .8 %=12499 /-रूपया
इस तरह..... कुल बटवारा होता है ....-112499 /-(एक लाख बारह हजार चार सौ निनानवे रुपये....
जबकि कुल सम्पति है मात्र...... 100000 /- एक लाख रूपया,
 अर्थात..... 12499 अतिरिक्त रुपया चाहिए .... कुरान के हिसाब से बंटवारे के लिए .... और, शायद ये (बारह हजार चार सौ निन्नानवे ) रूपया अल्लाह....... जन्नत के बैंक RTGS कर .. मृतक के अकाउंट में ट्रांसफर कर देंगे... या फिर सीधे जन्नत से मनीऑर्डर भी भेज सकते हैं.....!
अब आएं.... दूसरी वसीयत ... यानि फकरुद्दीन ने अपनी मृत्यु के बाद एक लाख रूपया .....और, केवल एक माता....दो बहिनें और एक पत्नी को छोड़ा था .....
तो.... अब कुरान के नियमों के अनुसार उसकी सम्पति का..... उसके वारिसों में बटवारा करिए .
1 -माता का हिस्सा -उसकी माता का हिस्सा तिहाई होगा .......सूरा निसा 4 :11
एक लाख का एक तिहाई =1 /3 =33 .33 %=33333 /- रूपया
2 -दो बहिनों का हिस्सा ......यदि दो बहिनें हों... तो , उनका हिस्सा माल का दो तिहाई होगा ........सूरा निसा 4 :11 और 12
एक लाख का दो तिहाई =66 .66 %=66666 /-
3 -पत्नी का हिस्सा -यदि उसके औलाद हो तो पत्नी का हिस्सा चौथाई होगा ....सूरा निसा 4 :12
एक लाख का चौथाई =1 /4 =25 %=25000 /-रूपया
इस तरह कुल रूपया व्यय हो रहा है...... 124999 /-( एक लाख चौबीस हजार नौ सौ निन्नानवे रूपया )..... जबकि कुल सम्पति केवल एक लाख ही थी,
अर्थात... इस वसीयत में भी गड़बड़झाला ..... और, 24999 /-( चौबीस हजार चार सौ निन्नानवे ) कम पड़ गए....!
अब ये कम पड़े रुपये .... बंटवारे लिए कहाँ से आयेंगे ..... ये या तो अल्लाह बता सकते है या फिर अल्लाह के रहनुमा दढ़ियल मुल्ले....!
शायद इस बार अल्लाह ... RTGS या मनीऑर्डर के बदले ... सीधे नोट छाप कर ही दे देना ज्यादा पसंद करेंगे....!
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इन साक्षात् और कुरान में लिखित प्रमाणों से ही साफ पता चल जाता है कि ...... अल्लाह ज्ञान कितना जबर्दस्त है .....जबकि मुसलमान दवा करते नहीं अघाते हैं कि ....अल्लाह सबके कर्मों का हिसाब करता है ,....और, लिखता रहता है .....!
मैं तो कहती हूँ कि..... जब अल्लाह की गणित का यह हाल है .....तो, उसके आगे मुस्लिमों की बुद्धि पर तो विश्वास ही बेकार है ....!
और... अब तक शायद आपलोगों को भी ये समझ आ ही गया होगा कि.... आखिर मदरसे में पढ़ कर कोई डॉक्टर , इंजीनियर या वैज्ञानिक क्यों नहीं बन पाता है ...???
साथ ही आप ये भी समझ ही चुके होंगे कि .... क्यों मदरसे में कुरान पढ़कर बच्चे .... सिर्फ दुकानों में पंचर बनाने और गाड़ियों में हवा भरने का ही काम किया करते हैं....????

note : यह लेख किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को आहत करने या उनकी खिल्ली उड़ाने के उद्देश्य से नहीं लिखी गयी है बल्कि यह लेख.... समाज में जागृति फ़ैलाने के पवित्र उद्देश्य से लिखी गयी है....!
यह लेख कुरान के पूर्णतः प्रमाणिक हदीसों के हवाले से लिखी गयी है.... इसीलिए, कृपया लेख पर आकर फालतू की चिल्ल-पों ना मचाएं.... और, जो शिकायत करना है ... वो कुरान को लिखने वाले अथवा उनके रहनुमा ... मुल्ले -मौलवियों से करें....!

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