जो सैनिक सीमा रेखा पर ध्रुर्व तारा बन जाता है
उसकी क़ुरबानी के आगे सूरज
भी शर्माता है
गर्म दहानों पर तोपों के जो सीने अड़ जाते हैं
उनकी गाथा लिखने को अम्बर छोटे पड़ जाते है।।
उसकी क़ुरबानी के आगे सूरज
भी शर्माता है
गर्म दहानों पर तोपों के जो सीने अड़ जाते हैं
उनकी गाथा लिखने को अम्बर छोटे पड़ जाते है।।
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